Tuesday, July 9, 2024

KULJAM SWAROOP SAHIB ... SHRI RAAS ...PRAKARAN 18 ( CH 1 TO 8 ) PARNAMJI

    SHRI RAJ SHAYAMAJI SADA SAHAAY


                श्री राज श्यामाजी सदा सहाय 



                                                          
                                                         

                                श्री रास 


                             राग : केदारो 


                            SHRI RAAS


                           RAAG : KAYDARO


1. भूलवणीनी रामत कीजे , वाला तमे अम आगल थाओ रे | 

    दोडी सको तेम दोडजो , जोइए अम आगल केम जाओ रे || 


     इन्द्रावती कहती है , हे प्रियतम ! अब भूल - भूलैया का खेल खेलें | आप हम से आगे हो जाएँ | जितना दौड़ सके उतना दौड़े | देखना है कि आप हम से आगे कैसे निकल सकते हैं ? 


     Indravati says , O beloved ! Let us know play the game of maze . You come ahead of us . Run as much as you can run . We want to see that how can you go head of us ? 



2. भूलवणीमां भूलवजो , देजो वलाका अपार | 

     भूलवी तमारी हुं नव भूलुं , तो हुं इन्द्रावती नार || 


    भूल - भूलैया के इस खेल में आप हमें चाहे जितना भूलाएँ , चककर काटें और दाँव दे | फिर भी यदि आप को मैं नहीं भूलूँगी तभी आप की अर्द्धांगना इन्द्रावती कहलाने योग्य बनूँगी | 


    In this game of maze as much as you forget us , roam around  and bet . Even then if I don't forget you then only I  Indravati will be made able to be called your better - half .



3. जुओ रे सखियो वाले भूलवी मुने , पण हुं केमे नव टली | 

    अनेक वलाका दीधां मारे वाले , तो हुं मली ने मली || 


    देखो सखियों ! प्रियतम धनी ने मुझे कई प्रकार से भूलावे में डालने का प्रयास किया किन्तु मैं उनसे अलग नहीं हुई | उन्होंने अनेक दाँव - पेच खेलकर  चककर कटवाकर मुझे भूलावे में डालने का प्रयत्न किया फिर भी मैं उनके पीछे लगी ही रही | 


     Look friends ! Beloved lord tried to mislead me in many ways but I was not separated from him . By playing various tricks and making me move around he tried to mislead me , still I was always following him . 



4. रहो रहो रे वाला मारे वासे थाओ ,हुं तम आगल थाऊं | 

    साची तो जो भूलवुं तमने , मारा साथ सहुने हंसावुं || 


     हे प्रियतम ! आप रुकें और मेरे पीछे हो जाएँ , अब मैं आप के आगे दौड़ती हूँ | यदि मैं आप को भूलावे में डाल दूँ तभी सच्ची अर्धांगिनी मानी जाऊँगी और आप को भूलावे में डालकर मैं मेरी सखियों को हँसाऊँगी | 


O beloved ! You wait and follow me , now I will run ahead of you . If I am able to confuse you only then will I be considered as a true better - half and by confusing you I will make my friends laugh . 



5. सखियो तमे सावचेत थाजो , रखे कोई मूकतां हाथ रे | 

     हवडा हरावुं मारा वालाजीने, जो जो तमे सहु साथ रे || 


     हे सखियों ! तुम सब सावधान हो जाओ | एक दूसरे का हाथ नहीं छोड़ना | देखना मैं अभी प्रियतम को हरा देती हूँ | 


     O friends ! You all become attentive . Don't leave hands of each other . Look I will defeat beloved now . 



6. भूलीस मा रे वचिखिण वाला , आवी मारे वासे वलगो | 

    अनेक वलाका जो हुं दऊं , पण तुं म थाइस अलगो || 


     हे मेरे विचक्षण स्वामी ! आप भूलना नहीं | अब मेरे पीछे हो जाइए | यदि मैं अनेक दाँव लगाऊँ तो भी आप मुझ से अलग नहीं होना | 


    O my sagacious (clever) lord ! You do not forget . Now follow me. Even if I give many bets then to you should not separate from me . 



7. एक वलाका मांहें रे सखियो , वालो भूल्या ते प्रथम मूल | 

    दिए सखी ताली पडी आलोटे , हंसी हंसी आवे पेट सूल || 


    हे सखियों ! मेरे एक ही दाँव में प्रियतम पहली बार ही भूल गए | इसे देखकर सखियाँ तालियाँ बजाकर हँसने लगी और हँसते - हँसते गिर गई | वे इतनी हँसी कि पेट में दर्द होने लगा | 


    O friends ! On my one bet at the first time , beloved forgot . Seeing this friends started laughing after clapping and fell down while laughing . They laughed so much that they started having pain in stomach . 



8. सहु साथ मलीने साबत कीधुं , इन्द्रावती विविध विसेक | 

    धणी थै रामत ने वली थासे , पीउ भूलवतां राखी रेख || 


    सब सखियों ने मिलकर प्रमाणित किया कि इस रामत में इन्द्रावती अधिक चतुर है | ऐसी रामतें बहुत हुई और आगे भी होगी किन्तु इसमें इन्द्रावती ने श्री कृष्ण को भूलावे में डालकर अपने वचन पूर्ण किए | 


     Together all friends certified that in this game of love Indravati is more clever . There were many such games played earlier and will be played in future but in this Indravati fulfilled her promise by confusing Shri Krishna . 



                                             PARNAMJI


     




        

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